संसद में उठी मांग, ‘देश से माफी मांगे राहुल गांधी’

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संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया। बजट सत्र का यह चरण 6 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कुल 17 दिन काम होगा। कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष ने विदेश में दिए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों का मुद्दा उठाया। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तो राज्यसभा में पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश में जाकर देश को बदनाम किया है। उन्हें देश से माफी मांगना चाहिए। पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा कि राहुल ने देश का अपमान किया है। कांग्रेस देश में इमरजेंसी लगाने की वाली पार्टी है। इसके नेता विदेश में जाकर कर रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। पीयूष गोयल के बयान पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाब दिया। माफी की मांग खारिज करते हुए खरगे ने कहा कि राहुल गांधी इस सदन (राज्यसभा) के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में नेता सदन का बयान आपत्तिजनक है। खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है, इसलिए ऐसी बातें कर रही है। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ी। इसी सदन (लोकसभा) के सदस्य राहुल गांधी ने लंदन में भारत का अपमान किया। मैं मांग करता हूं कि उनके बयानों की इस सदन के सभी सदस्यों द्वारा निंदा की जानी चाहिए और उन्हें सदन के सामने माफी मांगने के लिए कहा जाना चाहिए: लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हम मांग करते हैं कि राहुल गांधी संसद आएं और देश की जनता और सदन से माफी मांगें: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल इस दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा भी हो सकता है। सबसे बड़ा मुद्दा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा हाल के दिनों में दिए गए बयान हैं। राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान कई बातें ऐसी कहीं, जिन्हें सत्ता पक्ष देश की छवि को खराब करने वाला बता रहा है। वहीं विपक्षी दल केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मामला उठा सकता है। आरोप है कि सरकार विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है।

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संसद में सभी सदस्य अपने विचार रखने को स्वतंत्र : बिरला

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बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत में मजबूत बहुदलीय प्रणाली है और संसद में सभी सदस्य अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। बहरीन में अंतर संसदीय संघ की 146वीं बैठक को संबोधित करते हुए उनका यह बयान परोक्ष रूप से राहुल गांधी के कैंब्रिज में दिए गए उस बयान के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता। राहुल गांधी के उक्त बयान को राज्यसभा के सभापति और उपसभापति ने भी खारिज कर दिया था। अब बिरला ने अंतरराष्ट्रीय मंच से ही विश्व को संदेश दिया है कि भारतीय संसद में सदस्यों को अपने विचार निर्बाध रूप से रखने का अधिकार है।

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