आधार कार्ड निर्माण व संशोधन के लिए शिविर लगाने की माँग रखी
दुर्ग / नगर निगम दुर्ग के वार्ड क्रमांक 58 और 59 के रहवासी आज कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां जनदर्शन में उन्होंने कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे से आधार कार्ड निर्माण व संशोधन के लिए विशेष शिविर लगाने माँग रखी। वार्ड के नागरिकों ने कहा कि इन वार्ड में आईएचएसडीपी कालोनी और अटल-बाम्बे आवास में लगभग 5000 से अधिक लोग निवास करते हैं। देखने में यह आया है कि यहां के बहुत से रहवासियों के आधार कार्ड में काफी त्रुटि है जिसकी वजह से उनके बच्चों का एडमिशन नहीं हो पा रहा। बच्चों के आधार कार्ड नहीं है। यदि शिविर लग जाता तो लोगों को काफी मदद होती। जनदर्शन में ग्राम कुटेलाभाठा के राशनकार्ड धारी भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा राशनकार्ड धारियों को पांच किलोग्राम अतिरिक्त राशन प्रदान किया जाता है जो उन्हें नहीं मिल रहा। ग्राम पंचायत खोपली के काशीडीह पारा के निवासियों ने भी जनदर्शन में अपना आवेदन दिया। उन्होंने बताया कि ग्राम खोपली के मुख्य गांव और आश्रित पारा कुल्हरडीह में अमृत मिशन की टंकी बन चुकी है और घर-घर पानी दिया जा रहा है लेकिन पारा काशीडीह में जहां 300 लोगों की आबादी है अब तक अमृत मिशन की पानी टंकी नहीं लगी है। बटंग से एक आवेदक ने वृद्धावस्था पेंशन के संबंध में अपना आवेदन दिया। उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा के नीचे आते हैं। ग्राम पंचायत उमरकोटी की महिला ने बताया कि उनके पति की मृत्यु करेंट लगने से हुई। इसके लिए आरबीसी छह-चार के अंतर्गत उन्होंने अपना आवेदन भरा है। अब तक इसकी राशि नहीं मिल पाई है। कलेक्टर ने सभी मामलों में नियमानुसार शीघ्र कार्रवाई कर प्रार्थियों को शीघ्र राहत दिलाने के निर्देश दिये। जनदर्शन में आज समाजसेवियों ने धमधा रोड में जिला आयुर्वेदिक कालेज परिसर के पास पशु औषधालय खोलने की माँग रखी। इनका कहना था कि आसपास कोई पशु औषधालय नहीं होने की वजह से मवेशियों को दूर तक इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। जनदर्शन में आज कुछ आवेदन राजस्व संबंधी प्रकरणों के आये। कलेक्टर ने इन प्रकरणों में उचित कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिये। कलेक्टर को जिला शतरंज संघ के पदाधिकारियों ने भी अपना ज्ञापन दिया। इन पदाधिकारियों ने बताया कि आल इंडिया चेस फेडरेशन द्वारा पूरे देश में चेस इन स्कूल्स प्रोजेक्ट के तहत एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। जिले के स्कूलों को भी इससे जोड़ा जाए तो शतरंज के प्रति यहां के बच्चों का रूझान बढ़ेगा।